जिंदगी के धोखे, कलम में तब्दील
यह जाँगल निरंतर हमको भ्रमित करती है। कुछ दिखाता है कुछ और होता है। यहाँ खुशियाँ जाली, लेकिन वे अक्सर फ़र्ज़ी होती हैं। यह दिखावा हमें पर
यह जाँगल निरंतर हमको भ्रमित करती है। कुछ दिखाता है कुछ और होता है। यहाँ खुशियाँ जाली, लेकिन वे अक्सर फ़र्ज़ी होती हैं। यह दिखावा हमें पर
यह ग़ज़ल है जो मन को झुकाने के लिए रची जाती है. यह बेईमान शायरी का स्वरूप है जो मन को मोह लेती है . इस रचना में कुछ पंक्तियाँ हैं जो आपको सम